दोस्तों मेरा नाम नीतेश है। यह ब्लॉग एक शुरूआत है ताजा समाचारों और लाइफ स्टाइल को लेकर, ताकि लोगों को ताजा समाचारों के रूप में अपडेट जानकारी और मानसिक खुराक मिलती रहे वहीं वे सही लाइफ स्टाइल अपनाते हुए शारीरिक रूप से भी सुन्दर और स्वस्थ बने रहें। इस ब्लॉग की शुरूआत योजनाबद्ध तरीके से की गई ताकि इसमें जो भी जानकारी संकलित की जाए वह तथ्यपरक और उपयोगी हो। इसके अलावा हमने इसमें किसी चीज को जगह नहीं दी है। यह ब्लॉग आपके लिए सामाजिक, अपराध, राजनीतिक, व्यापार, संस्कृति सभी प्रकार के नए और ताजा समाचार प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा जीवन के उन पहलुओं को भी हम छूने की कोशिश करेंगे जो कहीं न कहीं दब कर रह जाते हैं। यानि खबर के पीछे की खबर भी हम आपके सामने इस ब्लॉग के माध्यम से प्रस्तुत करने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि सही सच्चाई आपके सामने आ सके।
ब्लॉग की शुरूआत
इस ब्लॉग की शुरूआत मेरे सर्विस पर रहते ही की गई। जब मैं एक दिन ऑफिस में था तो लगा कि ब्लॉग की शुरूआत की जानी चाहिए। अब प्रश्न आया कि इस पर विषय क्या रखे जाएं ताकि सच्ची और खरी जानकारी लोगों को उपलब्ध करा सकूं। इस ब्लॉग के पाठकों को ब्लॉग पढऩे के बाद पूरी संतुष्टि मिल सके कि यहां दी गई जानकारी पूरी तरह पर्याप्त, सही और उपयोगी है। इस पर रिसर्च करते हुए मैने इस ब्लॉग की शुरूआत की। शुरूआत में मैंने जो भी मेरे १७ साल के जर्नलिज्म कॅरियर में सीखा वह सब इस ब्लॉग पर डाल दिया। लोगों ने इसे पसंद किया तो मुझे हौंसला मिला और मैं आगे बढ़ता गया। इसी का परिणाम रहा कि हम इस ब्लॉग को एक वेबसाइट में तब्दील कर पाए।
मेरे बारे में
दोस्तों जैसा कि मैने बताया मेरा नाम नीतेश है। मैं राजस्थान के अलवर जिले के अलवर शहर का रहने वाला हूं। पिछले १७ वर्ष से मैं जर्नलिज्म कर रहा हूूं और देश के एक बड़े मीडिया घराने के साथ काम करता आ रहा हूं। मेरी इस १७ वर्ष की जर्नलिज्म की यात्रा में दो महत्वपूर्ण पड़ाव आए। पहला वर्ष २००६-०७ में जब मुझे जर्नलिज्म के क्षेत्र में ग्रास रूट लेवल पर काम करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। दूसरा इससे अगले वर्ष ही जब तत्कालिक मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने मुझे मेरे काम के लिए सम्मानित किया। इसके अलावा मुझे स्टेट लेवल पर भी कट्स सोसायटी की ओर से राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया जा चुका है। मुख्य रूप से मेरे जर्नलिज्म की कार्ययात्रा के दौरान मैने अपराध, सामाजिक, सांस्कृतिक, स्पेशल इश्यू, राजनीति और सामरिक विषय जैसे अनेक विषयों को कवर किया है।
प्रमुख कार्य
जर्नलिज्म की शुरूआत मैने २००१ से की थी। यानि की शताब्दी की शुरूआत से ही मेरा जर्नलिज्म कॅरियर शुरू हुआ। मैने जो पहला इंटरव्यू लिया वह था मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का। भोपाल रेलवे स्टेशन पर भागते भागते मैंने उनका पीछा किया और केवल तीन मिनट भागते भागते ही मै उनका इंटरव्यू लेने में सफल हो सका। इसके बाद मैंने प्रमुख व्यंग्य लेखक नरेन्द्र कोहली, खाना खाजाना के प्रमुख शेफ संजीव कपूर, कानू सान्याल, लखबीर सिंह लक्खा, बैंडिट क्वीन सीमा बिस्वास आदि के इंटरव्यू भी लिए हैं। इसके बाद तो गिनती करना ही छोड़ दिया। प्रमुख कवरेज जो मेरा रहा वह था कानू सान्याल का इंटरव्यू।
आगामी योजनाएं
दोस्तों इस ब्लॉग को लेकर जो हमारी आगामी योजनाएं हैं वह है इसे और जनोपयोगी बनाना। ताकि पाठकों को इस ब्लॉग पर ताजा समाचार और तथ्यपरक जानकारी मिल सके। इसके अलावा आईटी सेक्टर, नए प्रोडक्ट्स की जानकारी देना भी हमारा उद्देश्य रहेगा। इसके अलावा ब्लॉग को विभिन्न साइटों से लिंक कर ऐसा प्लेटफार्म देना हमारा उद्देश्य है कि लोग हमारी इस वेबसाइट से खरीददारी भी कर सकें। इस ब्लॉग/वेबसाइट पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी शीघ्र ही उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
सदबुद्धि पाठकों के लिए संदेश
मेरे इस ब्लॉग के सदबुद्धि पाठकों को हम यही संदेश देना चाहते हैं कि जीवन में जो भी कार्य किया जाए वह पूरी लगन से किया जाना चाहिए। अगर आप किसी कार्य को पूरी शिद्दत से करेंगे तो फल अपने आप पीछे पीछे आएगा। इसलिए गीता के इस ज्ञान में विश्वास रखें और कर्म करें फल की चिंता नहीं करें। क्योंकि फल कर्म पर आधारित होता है। जीओ और जीने दो की अवधारणा पर चलें।
ब्लॉग की शुरूआत
इस ब्लॉग की शुरूआत मेरे सर्विस पर रहते ही की गई। जब मैं एक दिन ऑफिस में था तो लगा कि ब्लॉग की शुरूआत की जानी चाहिए। अब प्रश्न आया कि इस पर विषय क्या रखे जाएं ताकि सच्ची और खरी जानकारी लोगों को उपलब्ध करा सकूं। इस ब्लॉग के पाठकों को ब्लॉग पढऩे के बाद पूरी संतुष्टि मिल सके कि यहां दी गई जानकारी पूरी तरह पर्याप्त, सही और उपयोगी है। इस पर रिसर्च करते हुए मैने इस ब्लॉग की शुरूआत की। शुरूआत में मैंने जो भी मेरे १७ साल के जर्नलिज्म कॅरियर में सीखा वह सब इस ब्लॉग पर डाल दिया। लोगों ने इसे पसंद किया तो मुझे हौंसला मिला और मैं आगे बढ़ता गया। इसी का परिणाम रहा कि हम इस ब्लॉग को एक वेबसाइट में तब्दील कर पाए।
मेरे बारे में
दोस्तों जैसा कि मैने बताया मेरा नाम नीतेश है। मैं राजस्थान के अलवर जिले के अलवर शहर का रहने वाला हूं। पिछले १७ वर्ष से मैं जर्नलिज्म कर रहा हूूं और देश के एक बड़े मीडिया घराने के साथ काम करता आ रहा हूं। मेरी इस १७ वर्ष की जर्नलिज्म की यात्रा में दो महत्वपूर्ण पड़ाव आए। पहला वर्ष २००६-०७ में जब मुझे जर्नलिज्म के क्षेत्र में ग्रास रूट लेवल पर काम करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। दूसरा इससे अगले वर्ष ही जब तत्कालिक मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने मुझे मेरे काम के लिए सम्मानित किया। इसके अलावा मुझे स्टेट लेवल पर भी कट्स सोसायटी की ओर से राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया जा चुका है। मुख्य रूप से मेरे जर्नलिज्म की कार्ययात्रा के दौरान मैने अपराध, सामाजिक, सांस्कृतिक, स्पेशल इश्यू, राजनीति और सामरिक विषय जैसे अनेक विषयों को कवर किया है।
प्रमुख कार्य
जर्नलिज्म की शुरूआत मैने २००१ से की थी। यानि की शताब्दी की शुरूआत से ही मेरा जर्नलिज्म कॅरियर शुरू हुआ। मैने जो पहला इंटरव्यू लिया वह था मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का। भोपाल रेलवे स्टेशन पर भागते भागते मैंने उनका पीछा किया और केवल तीन मिनट भागते भागते ही मै उनका इंटरव्यू लेने में सफल हो सका। इसके बाद मैंने प्रमुख व्यंग्य लेखक नरेन्द्र कोहली, खाना खाजाना के प्रमुख शेफ संजीव कपूर, कानू सान्याल, लखबीर सिंह लक्खा, बैंडिट क्वीन सीमा बिस्वास आदि के इंटरव्यू भी लिए हैं। इसके बाद तो गिनती करना ही छोड़ दिया। प्रमुख कवरेज जो मेरा रहा वह था कानू सान्याल का इंटरव्यू।
आगामी योजनाएं
दोस्तों इस ब्लॉग को लेकर जो हमारी आगामी योजनाएं हैं वह है इसे और जनोपयोगी बनाना। ताकि पाठकों को इस ब्लॉग पर ताजा समाचार और तथ्यपरक जानकारी मिल सके। इसके अलावा आईटी सेक्टर, नए प्रोडक्ट्स की जानकारी देना भी हमारा उद्देश्य रहेगा। इसके अलावा ब्लॉग को विभिन्न साइटों से लिंक कर ऐसा प्लेटफार्म देना हमारा उद्देश्य है कि लोग हमारी इस वेबसाइट से खरीददारी भी कर सकें। इस ब्लॉग/वेबसाइट पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी शीघ्र ही उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
सदबुद्धि पाठकों के लिए संदेश
मेरे इस ब्लॉग के सदबुद्धि पाठकों को हम यही संदेश देना चाहते हैं कि जीवन में जो भी कार्य किया जाए वह पूरी लगन से किया जाना चाहिए। अगर आप किसी कार्य को पूरी शिद्दत से करेंगे तो फल अपने आप पीछे पीछे आएगा। इसलिए गीता के इस ज्ञान में विश्वास रखें और कर्म करें फल की चिंता नहीं करें। क्योंकि फल कर्म पर आधारित होता है। जीओ और जीने दो की अवधारणा पर चलें।
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